…43 गऊमाता जलाकर मार दी और आज तक भी नहीं मिला इंसाफ सभी सनातनियों से सभी गऊ सेवकों से सभी महंतों से सभी माननीय जी से और सभी कार्यकर्ताओं से निवेदन है कि आगे बढ़े और इन गऊ माता को इंसाफ दिलाए और सभी देश के व्यक्तियों तक यह बात पहुंचे जो की 3 साल से ना तो इन्हें इंसाफ मिला है और जितनी भी रोड की गऊमाता है उनकी सेवा का कार्य आपकी अपनी गऊशाला में किया जाता है मैं आपको बता दूं कि जो अपराधी है वह खुले आम घूम रहे हैं मुझे अपनी जान माल का खतरा है फिर भी मैंने अपना जीवन अंत तक इन गऊमाता की पूछ पकड़ जीना है और इनकी सेवा करनी है इन गऊमाता के लिए मैं सबसे लड़ने के लिए तैयार हूं आओ मेरे सनातनियों आओ मेरे भाई इन गऊमाता को इंसाफ दिलवाना है गऊमाता को बचाना है राष्ट्रीय माता बनाना है
आप लोगो के मन मे भी कभी-कभी आता होगा की भगवान ने इतने सारे जानवर बनाये हैं पर उनमे से सिर्फ गाय इतनी महत्वपूर्ण और पूजनीय क्यों है…?
हिंदू धर्म में, गाय को एक पवित्र जानवर माना जाता है और यह धन, शक्ति और मातृ प्रेम का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि यह दिव्य और पोषण देने वाली मातृ देवी का सांसारिक प्रतिनिधि है, जो उर्वरता और प्रचुरता का प्रतिनिधित्व करता है। माना जाता है कि उनके दूध का मानव शरीर पर शुद्धिकरण प्रभाव पड़ता है !!
वैसे तो भारत में गौ माता पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए कई सारे संगठन बने हुए हैं और सरकार ने भी सख्त कानून बना रखे हैं। लेकिन इन सबके बावजूद धड़ल्ले से गौ हत्या भारत में होती रही है, जोकि काफी निराशाजनक है। हम और आप सभी को मिलकर गौ माता पर हो रहे अत्याचार को रोकना होगा। जिसके लिए आप हमारी वेबसाइट पर आकर श्री कृष्णा सेवा गऊशाला ट्रस्ट से जुड़ सकते हैं, और गौ माता के प्रति लोगों को जागरूक कर सकते हैं.
गाय एक महत्वपूर्ण और पूज्यनीय पशु है, जो भारतीय समाज में अद्वितीय स्थान रखती है। भारतीय सांस्कृतिक परंपरा में, गाय को माता और देवी का रूप माना जाता है और इसे पूजा जाता है। गाय को धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसका असर भारतीय समाज में देखा जा सकता है।
गाय को हिन्दू धर्म में साकार और निराकार परंपराओं में पूजा जाता है। गाय का दूध, गोमूत्र, गोहृदय (गाय का घी) को पवित्र माना जाता है और इसे यज्ञों और पूजाओं में ब्राह्मणों को दान के रूप में दिया जाता है। गाय की पूजा का यह माहत्व है कि हिन्दू समाज में इसे गौमाता कहा जाता है, जिससे जिसमें 33 कोटि देवी देवता निवास करते हैं.
गाय का सम्बन्ध भारतीय कृषि और ग्रामीण जीवन से है, जहां यह एक महत्वपूर्ण साथी है। गाय से प्राप्त होने वाला दूध, घी, गोमूत्र, गोहृदय, इन सभी चीजों का उपयोग भारतीय रसोईयों में भोजन बनाने में होता है और इससे लाभ होता है। गाय को बचाने के लिए कई संगठन और गौशालाएं भी काम कर रही हैं : जिसमे से एक है श्री कृष्णा सेवा गऊशाला ट्रस्ट, जो पिछले 4 वर्षो से गऊ सेवा के लिए सभी संभव प्रयास कर रही है, जो इसे अवसाद और असुरक्षितता से बचाने का प्रयास कर रही हैं।
गौमाता की सच्ची सेवा में योगदान करने के लिए कई लोग गौशालाओं में नौकरी करते हैं और यह एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है। इससे न केवल वे गाय की सुरक्षा और देखभाल करते हैं, बल्कि उन्हें गौसेवा के माध्यम से समाज के उत्थान के लिए भी योजनाएं चलाने का अवसर मिलता है। इससे गाय को न केवल आर्थिक रूप से मदद मिलती है, बल्कि यह भी एक समर्पित समाज की भावना को दर्शाता है।
गाय की पूजा और सेवा का यह आदर्श एक सहज सा तरीका है जो भारतीय समाज के साथ जड़ा हुआ है। यह समर्थन न केवल एक व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाता है, बल्कि इससे समाज में भी सामूहिक समर्थन बढ़ता है। इस प्रकार, गाय की पूजा और सेवा का महत्वपूर्ण स्थान है …
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2024 की दूसरी सबसे बड़ी मांग है हमारी गौ माता को राष्ट्र पशु का दर्जा दिलवाना पर अभी तक इसपर कोई बड़ा कदम हमारी मौजूदा सरकार ने नहीं उठाया; लेकिन सभी सनातनियो को विश्वास है कि एक दिन यह जरूर होगा !!
ऐसी हे भावना और राष्ट्रभक्ति के साथ दिल्ली से लगे जिला ग़ज़ियाबाद में श्री कृष्णा सेवा गऊशाला ट्रस्ट नाम से एक गऊशाला चल रही है जो पिछले 4 वर्ष से गाय की सेवा कर रही है। इसका पूरा श्रेय सूरज पंडित जी, उनकी समस्त टीम एवं गऊ प्रेमीयो को जाता है। सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि इस साल उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री आदरनीय श्री योगी आदित्यनाथ जी गौ-माता के लिए कुछ नए कानून बनाएंगे, यूपी सरकार ने एलान किया है कि गोवंश का भरण-पोषण कर रहे गोसेवकों को 30 रुपये प्रति गोवंश की जगह अब 50 रुपये प्रति गोवंश दिया जायेगा, पर जमीनी स्तर पर देखा जाये तो अभी तक ऐसी सुविधा हमको नहीं मिल रही और साफ़ तोर पर इसका लाभ सिर्फ पैसे और पावर वालो को हो रहा है, गरीब किसान और गौ सेवक आज भी इन प्रयोजनायो से वंचित हैं। इसी के साथ खबर आई थी कि यूपी में जनवरी 2024 से सड़कों पर गाय घूमती नही दिखेंगी। योगी सरकार 31 दिसंबर तक विशेष अभियान चलाकर खुली घूम रही गायों को ‘गो संरक्षण केंद्र’ पहुंचाएगी। पर इसमें भी भारी चूक देखने को मिल रही है आये दिन हमारी गऊशाला को फ़ोन आते हैं कि कहीं नंदी जी और गौ माता को सड़क हादसे में चोट लग गयी है कही आवारा गौवंश के कारण लोगो को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की योजना ठीक हो सकती है पर जो लोग इन पदों पर आसीन हैं अगर वो भी अपना कार्य सच्ची निष्ठा और इम्मान्दारी से करे तो कुछ बात बने। योगी सरकार के पशुधन और दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा था कि पहले कसाई को देखकर गाय कांपती थी लेकिन अब गाय देखकर कसाई कांप रहे हैं। अगर आप दिल्ली और उत्तर प्रदेश के अंधरुनि इलाको में जायेंगे तो आपको सचाई का आभास होगा।
अगर आपने यह व्लॉग पूरा पढ़ा है तो कृपया इस मुददे को उठाने में हमारी मदद करें। आपका इस विषय पर क्या कहना है हमको नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिख कर बताये …